जलंधर और शिव का युद्ध
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भूमिका
जलंधर एक शक्तिशाली असुर था जिसे उसकी पत्नी वृंदा की पवित्रता और तपस्या के कारण अजिता का वरदान मिला था उसने देवताओं को पराजित कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया उसने अपनी शक्ति के मध्य में त्रिलोक पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया देवताओं ने भगवान शिव से सहायता मांगी शिव ने जलंधर को पराजित करने के लिए युद्ध किया जलंधर को युद्ध में पराजित करने के लिए भगवान विष्णु जलंधर का रूप धारण कर वृद्धा की तपस्या भंग करने के लिए उसके पास चले गए वृद्धा की तपस्या भंग हो गई जिसके फल स्वरुप युद्ध में शिव ने अपनी त्रिनेत्र की शक्ति का प्रयोग कर जलंधर का अंत किया जलंधर की मृत्यु के बाद वृंदा ने अपनी पत्नी के वियोग में भगवान विष्णु को श्राप दिया और वह तुलसी के पौधे के रूप में परिवर्तित हो गई l